राजा हत्याकांड: इंदौर कनेक्शन और ‘ऑपरेशन हनीमून’ का सनसनीखेज खुलासा!
मेघालय में हुए राजा हत्याकांड की परतें अब तेजी से खुल रही हैं, और हर नए खुलासे के साथ साजिश की गहराई और आरोपियों की शातिराना चालें सामने आ रही हैं. इस केस में अब तक का सबसे बड़ा खुलासा हुआ है: मुख्य आरोपी सोनम, हत्या को अंजाम देने के बाद सीधे इंदौर पहुंची थी, जहाँ उसने अपने प्रेमी और सह-आरोपी राज से मुलाकात की. यह जानकारी मेघालय पुलिस की गहन जांच से सामने आई है, जिसने इस पूरे मामले में एक नाटकीय मोड़ ला दिया है.
वारदात से गिरफ्तारी तक: सोनम की शातिराना चाल
23 मई को राजा की हत्या को अंजाम दिया गया, और पुलिस की नजरों से बचने के लिए सोनम ने तुरंत अपना ठिकाना बदला. 25 मई को वह ट्रेन से इंदौर पहुंची, और इस दौरान उसने कई स्टेशनों पर ट्रेन बदली ताकि पुलिस को गुमराह किया जा सके. इंदौर में उसने अपने प्रेमी राज से मुलाकात की, जिसने उसे रहने के लिए एक किराए का कमरा दिलवाया. कुछ दिन वहां बिताने के बाद, सोनम वाराणसी के रास्ते गाजीपुर पहुंची, जहाँ आखिरकार पुलिस ने उसे दबोच लिया.
पुलिस का कहना है कि इस पूरी हत्या की साजिश सोनम ने ही रची थी. इंदौर पहुंचकर भी उसने अपने परिवार से कोई संपर्क नहीं किया, बल्कि सीधे राज से मिली. जांच में यह भी सामने आया है कि सोनम लगातार अज्ञात नंबरों का इस्तेमाल कर राज और अन्य शूटर्स के संपर्क में थी, जिससे साफ होता है कि यह सब कुछ एक सोची-समझी योजना का हिस्सा था.
‘ऑपरेशन हनीमून’: पुलिस की शानदार रणनीति
मेघालय पुलिस ने इस पूरे ऑपरेशन को ‘ऑपरेशन हनीमून’ का नाम दिया था. 7 तारीख को मेघालय से विशेष टीमें उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के अलग-अलग ठिकानों के लिए रवाना हुईं. सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि पुलिस ने सोनम सहित पांचों आरोपियों को एक ही समय पर, एक साथ गिरफ्तार किया. इस कुशल रणनीति के चलते ही एक ही दिन में सभी की गिरफ्तारी संभव हो पाई.
सबूतों की कड़ी: रेनकोट से लेकर CCTV फुटेज तक
पुलिस की जांच ने कई अहम सबूत जुटाए हैं, जिन्होंने सोनम की साजिश का पर्दाफाश किया. हत्या स्थल से 10 किलोमीटर दूर एक सीसीटीवी फुटेज में सोनम को तीन हथियारों के साथ ट्रेस किया गया, जो पुलिस के लिए पहला बड़ा क्लू साबित हुआ. लगभग 45 से 50 सीसीटीवी कैमरों को खंगाला गया और आरोपियों की शिलांग से चेरापूंजी और फिर ट्रेन के जरिए यात्रा का पूरा सीक्वेंस तैयार किया गया.
एक और सनसनीखेज खुलासा हुआ: घटनास्थल से बरामद हुआ रेनकोट राजा का नहीं, बल्कि सोनम का था. उसने यह रेनकोट एक किलर आकाश को दिया था, क्योंकि उसकी शर्ट पर खून के धब्बे लग गए थे. रेनकोट पर भी खून के निशान मिले हैं, जिससे यह साबित होता है कि सोनम सिर्फ साजिशकर्ता नहीं, बल्कि वारदात में सक्रिय रूप से शामिल थी.
सोनम की ‘विक्टिम’ बनने की चाल हुई नाकाम
गिरफ्तारी के वक्त सोनम ने खुद को लूट का शिकार दिखाने की कोशिश की थी. उसने कोई आभूषण नहीं पहने थे और बहुत साधारण दिख रही थी, ताकि वह खुद को एक पीड़ित के रूप में पेश कर सके. हालांकि, मेघालय पुलिस के पास मौजूद ठोस सबूतों और पूरे घटनाक्रम के सीक्वेंस ने उसकी इस चाल को नाकाम कर दिया.
फिलहाल, पुलिस सोनम की कस्टडी लेकर क्राइम सीन को दोबारा रिक्रिएट करेगी. हर लीड को गहराई से खंगाला जा रहा है और सबूतों के आधार पर जांच आगे बढ़ रही है. राजा हत्याकांड की यह कहानी एक बार फिर बताती है कि अपराध चाहे कितना भी शातिराना क्यों न हो, कानून के लंबे हाथ अपराधियों तक पहुंच ही जाते हैं.
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